2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 20 ट्रिलियन रुपये के बाजार की संभावना को देखते हुए, आईआईटी मद्रास ई-मोबिलिटी की दिशा में सरकार को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए 15 से अधिक परियोजनाओं में सहयोग कर रहा है।

इंजीनियरिंग डिजाइन विभाग द्वारा संचालित ये परियोजनाएं भारत-केंद्रित तकनीकों के विकास, सुरक्षा उपायों, नीति निर्धारण, और कौशल विकास पर केंद्रित हैं। इसके लिए विभाग में छह अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं।
विभाग शून्य उत्सर्जन ट्रकिंग के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र भी संचालित कर रहा है, जो नीति, तकनीकी और व्यावसायिक मुद्दों पर विभिन्न हितधारकों के साथ काम करता है। इसके अलावा, कामकाजी पेशेवरों के लिए प्रमाणन पाठ्यक्रम और वेब-सक्षम एम.टेक कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं।

प्रो. कार्तिक अथमनाथन ने कहा, “ई-मोबिलिटी के लिए समग्र दृष्टिकोण जरूरी है, जिसमें चार्जिंग प्रक्रिया, ऊर्जा प्रबंधन, नीति निर्धारण और लागत विश्लेषण जैसे पहलू शामिल हैं।” विभाग प्रमुख सी. एस. शंकर राम ने बताया, “यह सिर्फ शुरुआत है। हमें अभी बहुत कुछ करना है, जैसे कौशल विकास और उद्योग, सरकार व शिक्षा जगत के साथ मिलकर एक अखिल भारतीय नेटवर्क बनाना।”